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जिन बिजली उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग गया, उनकी सिक्योरिटी मनी वापस होगा |
जिन बिजली उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग गया, उनकी सिक्योरिटी मनी वापस नहीं की गई। हर उपभोक्ताओं का 800 रुपए अधिक सिक्योरिटी मनी जमा है। इसके बावजूद स्मार्ट मीटर का बैलेंस खत्म होते ही बिजली काट दी जाती है। राजधानी पटना में करीब 3.50 लाख उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग चुका है। इनमें 90 फीसदी से अधिक उपभोक्ताओं ने सिक्योरिटी मनी जमा कर बिजली का कनेक्शन लिया था। इनका करीब 70 करोड़ रुपए बिजली कंपनी के पास जमा है। बिजली कंपनी ने कहा था कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद सिक्योरिटी मनी वापस कर दी जाएगी। लेकिन, कहा जा रहा है कि सर्वर में गड़बड़ी की वजह से राशि वापस नहीं हो पा रही है। today news
राज्यभर के उपभोक्ताओं की 7 हजार करोड़ से अधिक राशि जमा
बिजली की दर में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर जनसुवाई के दौरान उपभोक्ताओं ने सिक्योरिटी मनी वापस करने का मुद्दा उठाया था। इस दौरान बिजली कंपनी ने जल्द सर्वर चालू होने का आश्वासन दिया था। लेकिन, छह महीने बीतने के बावजूद कंपनी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस संबंध में पूछे जाने पर बिजली कंपनी मुख्यालय के अधिकारियों ने कहा कि सर्वर बनाने का कार्य चल रहा है। जल्द ही उपभोक्ताओं की सिक्योरिटी मनी का आकलन कर उस राशि से प्रीपेड मीटर रिचार्ज कर दिया जाएगा। राज्य में 9.50 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग चुके हैं। इनमें पटना शहर के 3.50 लाख उपभोक्ता शामिल हैं। पटना शहर में कुल 6.30 लाख और राज्य में 1.80 करोड़ उपभोक्ता हैं। बिजली कंपनी मुख्यालय के अधिकारियों के मुताबिक राज्यभर के उपभोक्ताओं की 7 हजार करोड़ से अधिक सिक्योरिटी मनी कंपनी के पास जमा है। एचटी और 20 किलोवाट से ऊपर के एलटीआईएस उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर नहीं लगाया जा रहा है।
इलेक्ट्रॉनिक मीटर का 3000 करोड़ वापस करने की मांग
बीआईए के उपाध्यक्ष संजय भरतिया ने कहा कि वित्तीय 2017-19 के बीच बिजली कंपनी ने इलेक्ट्रॉनिक मीटर लगाया। इसकी खरीदारी पर 4 हजार करोड़ की राशि खर्च हुई थी। इस मीटर को 20 साल के लिए लगाया गया था। अगर 5 साल में बिजली कंपनी ने मीटर वापस निकाल दिया तो 3000 करोड़ राशि उपभोक्ताओं के टैरिफ में कम होनी चाहिए। कारण, टैरिफ निर्धारण के समय इलेक्ट्रॉनिक मीटर की खरीदारी होने पर होने वाले खर्च की राशि जोड़ी गई थी।
पटना के मोहिसन अहमद के कनेक्शन की तलाश एनआईए ने तेज कर दी है।
दिल्ली में गिरफ्तार आतंकी संगठन आईएसआईएस के सक्रिय सदस्य पटना के मोहिसन अहमद के कनेक्शन की तलाश एनआईए ने तेज कर दी है। सोमवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 अगस्त तक एनआईए की कस्टडी में सौंप दिया। उसे दिल्ली में बाटला हाउस इलाके की जापानी गली से शनिवार को गिरफ्तार किया गया था। मोहसिन पर आईएसआईएस के लिए देश-विदेश से फंड जुटाने का आरोप है। मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए एनआईए ने 25 जून को इस मामले में एफआईआर रजिस्टर किया था। सूत्रों के मुताबिक मोहसिन क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से सिरिया व अन्य देशों में आईएआईएस को पैसे भेजता था। एनआईए उसके पटना कनेक्शन को भी तलाश रही है। सूत्रों की माने तो मोहिसन ने पटना के दोस्तों के साथ मिलकर एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था। उस व्हाट्सएप ग्रुप पर भी वह अपने दोस्तों को आईएसआईएस के प्रति मोटिवेट करता था। पटना में मौजूद एनआईए की टीम को दिल्ली की टीम ने मोहिसन से बरामद मोबाइल और अन्य दस्तावेज सहित कई साक्ष्य सौपे हैं।
मोहसिन 16 तक एनआईए कस्टडी में दोस्तों के साथ बनाया था वाटसएप ग्रुप, एनआईए उसे लेकर आएगी पटना, करीब दो माह से था एनआईए के रडार पर, यूएपी एक्ट भी लगा है उसपर, फंड रेजिंग का है आरोप
सूत्रों के अनुसार, एनआईए पिछले दो माह से मोहिसन के मोबाइल, उसके सोशल मीडिया और आईएसआईएस से जुड़े होने की आशंका को लेकर रडार पर लिए हुए थी। उस पर विदेशों में भी समर्थन रखने, आईएसआईएस के लिए धन इकट्ठा करने का भी आरोप है।
पटना पुलिस भी अपने स्तर से कर रही है जांच, कई दोस्तों से पूछताछ
पटना एसएसपी डाॅ. मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि अभी हमलोगों को एनआईए से कोई जानकारी नहीं दी गई है। हालांकि पटना पुलिस अपने स्तर से जांच कर रही है। पुलिस सूत्रों की माने तो पटना में एटीएस और स्पेशल ब्रांच की टीम को भी मोहिसन का मोबाइल नंबर मिला है। यह एजेंसियां अपने तरीके से मामले में जांच कर रही है। सोमवार को सूबे की जांच एजेंसियों के कुछ पदाधिकारी दीघा के न्यू कालोनी स्थित मोहिसन के आवास पर गए थे। वहां आसपास के लोगों और परिजनों से उसके बारे में पूछताछ की गई।
चीन की मोबाइल कम्पनी पर 12 हजार रुपए तक के मोबाइल पर रोक
सैमसंग-एपल को होगा लाभ
अगर चीन की मोबाइल कम्पनी पर 12 हजार रुपए तक के मोबाइल पर रोक लगती है, तो इसका फायदा सैमसंग व एपल को होगा। सैमसंग मिडरेंज व एंट्री लेवल में अपने स्मार्टफोन लगातार पेश कर सकती है।
दैनिक भास्कर से विशेष अनुबंध के तहत
बैन की तैयारी में सरकार
नई दिल्ली |देश में चीन की मोबाइल कम्पनी पर शिकंजा कसने की तैयारी है। केंद्र सरकार जल्द ही चीन की कम्पनी के 12 हजार से कम कीमत वाले मोबाइल पर प्रतिबंध लगा सकती है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने यह फैसला लावा, माइक्रोमैक्स जैसी देशी कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए किया है। इससे चीन की कम्पनी शाओमी, विवो,ओप्पो,पोको, रेड्मी,रियलमी को झटका लगेगा। सरकार देशी कम्पनी को एंट्री लेवल सेगमेंट में राहत देने के लिए यह कदम उठाने जा रही है।
मोबाइल सर्विस की तरह उपभोक्ता बिजली सप्लायर का चुनाव कर सकेंगे।
बिजली सप्लायर वितरण नेटवर्क को बिना किसी भेदभाव काम करने की छूट देने के लिए विद्युत अधिनियम में संशोधन का विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश किया गया। विधेयक में दूरसंचार सेवाओं की तर्ज पर बिजली के निजीकरण के लिए कदम बढ़ाने की बात है। इससे इंटरनेट, मोबाइल सर्विस की तरह उपभोक्ता बिजली सप्लायर का चुनाव कर सकेंगे। कानून में संशोधन
कर बिजली वितरण क्षेत्र को खोलने का प्रावधान है, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और सर्विस में सुधार होगा । इसके साथ ही निवेश भी आएगा विपक्ष के हंगामे के बीच ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने विधेयक पेश करते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से इसे विस्तार से चर्चा के लिए संसदीय समिति को रेफर करने का आग्रह किया। विपक्ष का आरोप है कि विधेयक में येसे प्रावधान हैं जो राज्य सरकारों के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि कानून बदलने के बाद भी किसानो को मुफ्त बिजली मिलती रहेगी। कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि विधेयक में एक ही क्षेत्र में कई निजी कंपनियों को बिजली सप्लाई की इजाजत होगी।
11 नये निबंधन कार्यालयों को जल्द ही अधिसूचित कर उसे खोलने की प्रक्रिया शुरू
मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने कहा कि पूरे राज्य के निबंधन कार्यालयों ने पिछले आठ महीने में 80 हजार से अधिक दस्तावेजों की रजिस्ट्री मॉडल डीड के माध्यम से हुई जिसके लिए आवेदकों को डीड राइटर या किसी अन्य की मदद नहीं लेनी पड़ी। आवेदकों ने ऑनलाइन उपलब्ध मॉडल डीड को खुद भर कर रजिस्ट्री कराई। आवेदकों की
सुविधा के लिए ही विभागीय वेबसाइट पर 25 प्रकार के मॉडल डीड का ड्राफ्ट अपलोड कर दिया गया है। मॉडल डीड में परेशानी होने पर आवेदकों को सुविधा के लिए निबंधन कार्यालयों में ‘मे आई हेल्प यू’ काउंटर की व्यवस्था भी की गयी है। इस वित्तीय वर्ष के लिए 5500 करोड़ रुपये राजस्व लक्ष्य निर्धारित है, जिसके विरुद्ध 2372.98 करोड़ रुपये राजस्व की वसूली हो गई है। 11 नये निबंधन कार्यालयों को जल्द ही अधिसूचित कर उसे खोलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। निबंधन विभाग के वर्तमान वित्तीय वर्ष के प्रथम चार महीने में ही वार्षिक राजस्व लक्ष्य का 43.15 फीसदी हासिल कर लिया गया है।
सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार 11 से 14 अगस्त तक मास्को में
पटना | सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार 11 से 14 अगस्त तक मास्को में भारतीय राष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र ‘सीटा’ द्वारा आयोजित सातवें भारत दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। इस कार्यक्रम में करीब 2 लाख लोगों की एक सभा को संबोधित करेंगे। बता दें कि सीटा एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो रूस में रूसियों, विदेशियों और भारतीयों के साथ समृद्ध भारतीय संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने, सम्मान देने और एकजुटता बनाए रखने की दिशा में मिशन के साथ काम कर रहा है। इंडिया डे भारतीय स्वतंत्रता दिवस का उत्सव है और रूस में सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय त्योहार भी है। 2019 के इस कार्यक्रम में करीब 1.5 मिलियन
लोगों ने उत्सव में भाग लिया था। “भारत दिवस’ का उद्देश्य भारत और रूस के बीच संस्कृति और कला के माध्यम से दोनों देशों के बीच समन्वय को मजबूत करना है। इस साल इस आयोजन में सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार को आमंत्रित किया गया है। आनंद अपनी सुपर 30 पहल के बेहतर कार्यों के चलते विश्व स्तर पर प्रशंसित हैं। कार्यक्रम में शामिल होने वाले मेहमानों को भारत और आधुनिक भारत की प्राचीन भारतीय सभ्यता के इतिहास को दिखाकर इस बड़े अवसर के लिए कार्यक्रम का विस्तार करने की योजना बना रहे हैं।
जम्मू -कश्मीर के संवैधानिक दर्जे में बड़े बदलावों के तीन साल हो गए
कश्मीर, आतंकवाद, अलगाववाद, इस्लाम, पाकिस्तान के बीच बड़ी आसानी से समीकरण बना लिया जाता है। यह हमारे राजनीतिक अखाड़े के एक पक्ष को राष्ट्रीय हित को एक खास तरीके से परिभाषित करने में मदद करता रहा।
सरकार उद्यमियों को भरोसा नहीं दिला सकी कि कश्मीर सुरक्षित, स्थिर और दूसरे राज्यों की तरह है
जम्मू -कश्मीर के संवैधानिक दर्जे में बड़े बदलावों के तीन साल हो गए हैं। हम यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि 5 अगस्त 2019 के बाद से वहां कौन-से अच्छे बदलाव आए हैं या कौन-सी बातें ऐसी हुई हैं जो नहीं होनी चाहिए थीं। लेकिन आप में से कई यह सवाल कर सकते हैं कि आज कश्मीर के बारे में सोच भी कौन रहा है? वास्तव में यही सबसे महत्वपूर्ण बदलाव है। अनेक वर्षों से कश्मीर हमारे दिमाग पर एक स्थाई संकट के रूप में छाया रहा है। कश्मीर अगर हमारी सोच में एक समस्या के रूप में नहीं रह गया है तो यह पहला बड़ा सकारात्मक बदलाव है।
एक बात यह भी हुई है कि पिछले तीन साल में चीन और तुर्की को छोड़कर किसी भी महत्वपूर्ण देश ने कश्मीर ‘मसले’ का नाम तक नहीं लिया है। लगता है कि खाड़ी के देश और इस्लामिक जगत भी इस बात से राहत महसूस कर रहा है कि अब यह कोई मसला नहीं नजर आ रहा है। ‘ओआईसी’ के बयानों की अब कोई अहमियत नहीं रह गई है। दूसरी वजहों के अलावा, इसकी यह भी एक वजह है कि यह संगठन चीन के उइगरों के मसले पर चुप्पी साधे रहता है और अपने शिखर सम्मेलन में चीन के विदेश मंत्री को मेहमान के रूप में निमंत्रित करता है। उधर पाकिस्तान में इमरान खान ने जी-जान लगा दी, लेकिन किसी ने उनकी मुहिम पर ध्यान तक नहीं दिया। भारत के खिलाफ उन्होंने तनाव खूब बढ़ाया, व्यापार बंद कर दिया, अपने देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया। और आज यह मुल्क सुबह ‘एफएटीएफ’ के तहत राहत देने की गुजारिश कर रहा है तो शाम को ‘आईएमएफ’ से चिरौरी कर रहा है कि उसे संकट से उबार ले। सीमा पर शांति कायम है, यही सारी कहानी कह देता है। आज कश्मीर के मामले में पाकिस्तान की कोई अहमियत नहीं रह गई है। इस उपलब्धि की व्यापक वैश्विक स्वीकृति का एक महत्वपूर्ण नतीजा यह हुआ कि भारत-पाकिस्तान के बीच वार्ता का समीकरण बदल गया है। पाकिस्तानी निजाम हमेशा मानता रहा कि अगर वह भारत को बातचीत करने के लिए मजबूर कर देगा तो उसे कुछ फायदा होगा। इसी उम्मीद में वह पिछले दशकों में खुली या गुप्त कार्रवाई करता रहा। यह अब बंद हो गया है। जो हो गया है उसे भारत की कोई भी संसद अब पलट नहीं सकती।
भाजपा के नेता इस बात पर गर्व करते हैं कि हुर्रियत नेतृत्व नाम के बीते दिनों के उत्पाती उद्यमियों का युग खत्म कर दिया गया है। लेकिन इसके बाद जो खाली जगह बनी है उसके कारण खतरा बना हुआ है। चुनाव कराने की जरूरत है ताकि हरेक सामान्य राज्य को अधिकार के रूप में जो स्वायत्तता हासिल है, वह वहां के स्थानीय निर्वाचित नेताओं को भी मिले। मुख्यधारा के अब्दुल्ला, मुफ्ती और दूसरे नेताओं को प्रतिस्पर्द्धी माहौल मिले। केंद्र सरकार अगर तीन साल बाद भी उसी आशंका से ग्रस्त है, तो यह एक विफलता ही मानी जाएगी। दूसरी विफलता यह है कि जम्मू-कश्मीर के भीतर सांप्रदायिकता का नया जहर भरा गया है। हाल में जो राजनीतिक कदम उठाए गए हैं, उन्होंने हिंदू जम्मू और मुस्लिम कश्मीर के बीच की खाई को बढ़ाया है। भाजपा अगर जम्मू-कश्मीर में अपना मुख्यमंत्री चाहती है तो यह मकसद सांप्रदायिक फूट डालकर हासिल करना लगभग असंभव है, जब तक कि आप यह न चाहते हों कि चुनावी धांधली और कठपुतली मुख्यमंत्री बनाने का चक्र शुरू हो। तीसरी विफलता यह है कि शांति-बहाली का घाटी के लोगों को कोई फायदा नहीं पहुंचाया गया है। स्थानीय बुद्धिजीवी, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता दहशत में हैं। कई लोगों पर आतंकवाद विरोधी सख्त कानूनों का इस्तेमाल करके उन्हें जेलों में बंद रखा गया है, कई लोगों को विदेश यात्रा की इजाजत नहीं दी गई है। अब तक सरकार में इतना आत्मविश्वास पैदा हो जाना चाहिए था कि वह लगाम ढीली करती।
पिछले तीन साल में सबसे बड़ा नकारात्मक बदलाव यह हुआ है कि घाटी के युवाओं में अलगाव की भावना और गहरी हुई है। ये युवा प्रायः पढ़े-लिखे हैं और देश के दूसरे हिस्सों के युवाओं की तुलना में अपनी बात ज्यादा खुलकर कह सकते हैं। घाटी के किसी वरिष्ठ खुफिया अधिकारी या सेनाधिकारी से बात कीजिए, वे आपको बताएंगे कि आज वहां स्थानीय स्तर पर उग्रवाद को जिलाए रखना कितना आसान हो गया है। लश्कर-ए-तैय्यबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी ब्रांड विचारधारा और हथियारों का निर्यात करते हैं लेकिन अफसोस कि उनके लिए लोग या अंततः मरने वाले तो भारतीय ही मिलेंगे। राज्य में बाहर से कोई दर्शनीय निवेश लाने या उद्यमी उपक्रम शुरू करने में भी लगभग पूरी विफलता ही रही। कई घोषणाएं की गईं, कई इरादे जाहिर किए गए लेकिन जमीन पर खास कुछ दिखा नहीं। इसका अर्थ यही हुआ कि सरकार उद्यमियों को अभी तक यह भरोसा नहीं दे सकी है कि कश्मीर सुरक्षित, स्थिर और दूसरे राज्यों की तरह ही है। विशेष दर्जा खत्म करने के पीछे मुख्य मंशा यही तो थी।
(ये लेखक के अपने विचार हैं)
शेखर गुप्ता
पाकिस्तान के लोगों को | पाकिस्तान की खबर
इमरान ने पीएमएल-एन को पद छोड़ने के लिए एक महीने का अल्टीमेटम जारी किया है उन्होंने कहा, सत्तारूढ़ गठबंधन पाकिस्तान के लोगों को नियंत्रित करने के अपने सभी प्रयासों में विफल हो गया है। इसके बाद अब पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) के माध्यम से जनता के जनादेश को चुराने की कोशिश कर रहा है। सरकार ने हमारे लोगों की वफादारी खरीदी, फिर उन्होंने हमारी पार्टी को तोड़ने के प्रयास में पैसे का इस्तेमाल किया।
पूर्व आईएसआई चीफ का तबादला: आईएसआई के पूर्व चीफ ले.जनरल फैज हामिद को पेशावर कॉर्प्स कमांडर से हटाकर बहावलपुर कॉर्प्स कमांडर बनाया गया है। पेशावर कमांडर के रूप में वे प्रतिबंधित आतंकी संगठन टीटीपी के साथ वार्ता का नेतृत्व कर रहे थे।
पाकिस्तान की तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख इमरान खान ने संसद के 9 निर्वाचन क्षेत्रों से उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है। इसके अलावा, पीटीआई ने 13 अगस्त को रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम में एक सार्वजनिक सभा आयोजित करने की घोषणा की है। ताकि, अगले दिन 14 अगस्त को महारैली कर सरकार पर सत्ता छोड़ने का दबाव बनाया जा सके। विश्लेषकों का मानना है कि 9 सीटों से अकेले इमरान के चुनाव लड़ने से पता चलता है कि पीटीआई उपचुनावों में हार से डरती है। साथ ही इमरान को इन 9 सीटों पर अपने किसी भी उम्मीदवार पर भरोसा नहीं जता रहे हैं, उनका मानना है कि उम्मीदवार भाग सकते हैं। इस कारण वे खुद ही मैदान में उतरेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि सारी सीटों को जीतना इमरान के लिए चुनौती होगी। पहले इन सीटों पर होने
वाले चुनावों को आम माना जा रहा था लेकिन इमरान खान की दावेदारी के बाद लोगों की दिलचस्पी बढ़ गई है। सोशल मीडिया के साथ-साथ राजनीतिक हलकों में कयास लगाए जा रहे हैं कि सत्तारूढ़ पीएमएल-एन इन 9 सीटों पर अलग-अलग नेताओं को उम्मीदवार बनाएगी या इमरान की चुनौती को स्वीकार करते हुए महज एक उम्मीदवार को उतारेगी। कुछ राजनीतिक विशेषज्ञों का ये भी मानना है कि विदेशी फंडिंग मामले में इमरान का नामांकन पत्र भी खारिज किया जा सकता है। राजनीतिक विश्लेषक राणा तारिक ने बताया कि विदेशी फंडिंग मामले में इमरान की छवि को नुकसान पहुंचा है और पीएमएल-एन को मजबूती मिली है। पीपीपी विधायक मौला बख्श ने कहा कि चुनाव आयोग के फैसले के बाद, पीटीआई के समर्थकों को यह मान लेना चाहिए कि इमरान खान भ्रष्टाचार में शामिल हैं। दान के रूप में इकट्ठा किया गया पैसा पीटीआई को भेज दिया गया। पंजाब के उपचुनाव के दौरान जिसमें पीटीआई सफल रही, लेकिन तब राजनीतिक स्थिति अलग थी। मुख्य चुनाव आयुक्त तय करेंगे िक इमरान चुनाव लड़ भी पाएंगे या नहीं। संवैधानिक विशेषज्ञों का मानना है कि इमरान के 9 सीटों पर चुनाव लड़ने के नामांकन पत्र को खारिज किया जा सकता है। एक उम्मीदवार एक समय में पांच सीटों से चुनाव लड़ सकता है।
खुद से दोस्त की तरह बात करें और अकेलेपन से दूर रहें
अब तक माना जाता रहा है कि जीवटता का गुण जन्मजात होता है। ये व्यक्ति विशेष की पर्सनैलिटी में होता है। लेकिन एक नए अध्ययन में ये सामने आया है कि जीवटता दरअसल एक प्रकार का स्किल यानी कौशल है, जो निरंतर अभ्यास के साथ निखरता है। मुश्किलों से मुकाबला करने पर जीवटता और मजबूत होती है। क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट केंड्रा कुबाला का कहना है कि अपने आप में कुछ बदलाव करके इसे हासिल किया जा सकता है। केंड्रा बताती हैं कि मेडिटेशन के अलावा अपनी इंद्रियों पर ध्यान देना और वातावरण में हो रही चीजों को सुनना, देखना और महसूस करना चाहिए। इससे परेशानियों से ध्यान हटाकर हम अपने आस-पास की अच्छी बातों को महसूस कर सकते हैं। वहीं एक रूटीन अपनाने से जीवन पर नियंत्रण का आभास होता है। लगता है कि कठिन परिस्थितियों से उबरा जा सकता है। ये व्यक्ति की जीने की इच्छाशक्ति को बढ़ावा देता है। दिमाग को इस प्रकार से तैयार किया जा सकता है कि वह विषम परिस्थितियों का डटकर मुकाबला कर सके।
खुद से दोस्त की तरह बात करें। इस तरह अपनी परेशानियों का हल खुद ढूंढ़ पाएंगे। अपनी कमजोरियों को दूर करने की कोशिश करें। यदि अकेला महसूस कर रहे हैं तो करीबी लोगों के पास जाना कारगर साबित हो सकता है। ऐसा करने से परिस्थिति को लेकर एक अलग नजरिया भी सामने आ सकता है।
08/08/2022 सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग, बिहार की आज की प्रमुख खबरें: today news
👉 आज महीने के दूसरे सोमवार को ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर कई लोगों ने माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से अपनी समस्याओं की गुहार लगाई। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को उनकी समस्याओं के समाधान हेतु आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
👉 मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने बिहार म्यूजियम के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि बिहार म्यूजियम और पटना म्यूजियम को भूमिगत मार्ग से जोड़ने की योजना पर भी कार्य किया जा रहा है। दोनों के बीच की दूरी डेढ़ कि.मी. है, जब भूमिगत मार्ग बनकर तैयार होगा तो यह पर्यटकों को काफी आकर्षित करेगा। हमलोगों की इच्छा है कि अधिक से अधिक लोग इतिहास और अपनी विरासत को जानें।
👉 मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय हस्तकरघा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि राज्य सरकार द्वारा हस्तकरघा उद्योग को बढ़ावा देने तथा बुनकरों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने हेतु अनेक कदम उठाए गए हैं। बिहार के अस्पतालों में बुनकरों द्वारा तैयार की गई सतरंगी चादर का इस्तेमाल किया जा रहा है।
👉 नवादा की जिलाधिकारी श्रीमती उदिता सिंह की अध्यक्षता में मुहर्रम, 2022 को लेकर शांति समिति की बैठक हुई। उन्होंने त्योहार को शांति एवं सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में मनाने अपील की।
👉 सहरसा के जिलाधिकारी श्री आनंद शर्मा की अध्यक्षता में नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत बारिश के दिनों में होने वाली जल जमाव एवं शहर में यातायात की समस्या के समाधान हेतु बैठक आयोजित हुई। इस दौरान उन्होंने संबंधित पदाधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिये।
👉 मुंगेर के जिलाधिकारी श्री नवीन कुमार की अध्यक्षता में माँ चंडी न्यास कार्यकारिणी समिति की बैठक हुई। उन्होंने मंदिर के इंफ्रास्ट्रक्चर एवं आवश्यक सुविधाओं को पूर्ण करने के संबंध में विचार विमर्श किया।
👉 शेखपुरा के जिलाधिकारी श्री सावन कुमार ने मनरेगा योजना की समीक्षा बैठक की। उन्होंने योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने का निर्देश दिया।
👉 गया के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम की अध्यक्षता में आगामी पितृपक्ष मेला, 2022 को लेकर गठित विभिन्न कोषांगों के साथ बैठक हुई। उन्होंने मेले के सफल आयोजन हेतु कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।
👉 जहानाबाद के जिलाधिकारी श्री रिची पाण्डेय की अध्यक्षता में जनता दरबार का आयोजन किया गया। इस दौरान कुल 155 परिवाद पर सुनवाई की गयी।
👉 नालंदा के जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर एवं पुलिस अधीक्षक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुहर्रम, 2022 को लेकर जिलास्तरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने त्योहार के दौरान बेहतर विधि-व्यवस्था बनाये रखने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।