गन्ना के साथ अन्य फसलों की अतंरवर्ती खेती हेतु प्रोत्साहन राशि आलू फसल के लिए 10.000/- रू० प्रति हेक्टेयर / राज्मा, लहसुन एवं प्याज के लिए 5000/- रू० प्रति हेक्टेयर एवं अन्य फसलों के लिए 2000/- रू० प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जाता है।
गन्ना विकास कार्यक्रम के लिए वर्ष 2012-2013 में बिहार राज्य सरकार कृषि रोड मैप तैयार की है, जिसका नाम मुख्यमंत्री गन्ना विकास योजना रखा गया है। (राज्य में कुल 11 चीनी मिले पूर्व से कार्यरत थी।)
(i) लाभार्थी- गन्ना की खेती करने वाले किसान |
(ii) लाभ का अंश- इस कार्यक्रम के तहत निम्न प्रकार के लाभ दिये जाते है।
- बीजों का अनुदानित दर पर वितरण- चीनी मिलों के द्वारा उत्तम प्रभेद के गन्ना बीज सामान्य किसानों को 135/- रूपये प्रति क्विंटल तथा SC/ST के किसानों को 175/- रू० प्रति क्विंटल की दर से अनुदान दिया जाता है।
(ख) प्रमाणित बीज उत्पादन प्रोत्सहान अनुदान- जो किसान गन्ना का प्रमाणित बीज उत्पादन करते है उन्हें 55/- रू० क्विंटल प्रोत्सहान अनुदान चीनी मिल द्वारा उपलब्ध कराया जाता है।
(ग) आधार बीज उत्पादन अनुदान- आधार बीज उत्पादन करने वाले चीनी मिलों को 25000/- रूपये प्रति हेक्टेयर की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाती है। परंतु बीज का निबंधन बिहार राज्य बीज प्रमाण एजेंसी के द्वारा कराना होगा।
(घ) प्रजनक बीज उत्पादन अनुदान-गन्ना अनुसंधान संस्थान जैसे- SRI पूसा / Sri लखनऊ स्टेशन मोतीपुर के द्वारा प्रजनक बीज उत्पादन करने पर 25,000/ रूपया प्रति हेक्टेयर की दर से प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है।
(ड) उर्वरक का वितरण-प्रत्येक चीनी मिल में 15 दिनों पर जैविक एवं कार्बनिक उर्वरक की खरिदारी अपने पसंद के अनुज्ञप्तिधारी दुकानदार से करते है। इसके लिए 2000/- रूपया प्रति हेक्टेयर की दर से चीनी मिल द्वारा अनुदान दिया जाता है।
(च) गन्ना के उत्तम प्रभेदों के चयन हेतु भ्रमण प्रत्येक चीनी मिल के दो कर्मी एवं एक विभागीय पदाधिकारी की टीम राज्य से बाहर कार्यरत ईख अनुसंधान संस्थान में भ्रमण हेतु 60000/- रूपया का अनुदान मिलता है। योजना बिहार के सभी जिला में लागू है।
(छ) बुआई हेतु प्रशिक्षण-गन्ना बुआई कार्य में शामिल कृषि मजदूर / सीमान्त कृषक को बुआई का प्रशिक्षण का अयोजन किया जाता है। इस एक दिवसीय प्रशिक्षण के लिए एक टोली पर 10,000/- रूपया व्यय करने का प्रावधन है। प्रशिक्षण में शामिल प्रत्येक कृषक को 150/- रूपये का नकद भुगतान मानदेय दिया जाता है।
(ज) हारवेस्टर की उपलब्धता- प्रत्येक चीनी मिलो को तीन हारवेटस्टर 75 प्रतिशत अनुदान पर दिये जाने का प्रावधान है।
(झ) कर्मशाला-राज्य के तीन प्रमुख गन्ना उत्पादक जिलो पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण एवं सीतामढ़ी में एक दिवसीय कर्मशाला हेतु प्रति कर्मशाला 1.50 लाख रूपये मिलने का प्रावधान है। इसमें कुल 500 गन्ना कृषको को शामिल किया, जाना है।
(ञ) सेमिनार- राज्य गन्ना विकास से संबंधित एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन हेतु 20 लाख रूपये खर्च करने का प्रावधान है।
(ट) गैर चीनी मिल क्षेत्रों के गन्ना अत्पादक किसानों को क्रशर कराह के क्रय पर 35000/- रू० अनुदान दिया जाता है।
(ठ) गन्ना के साथ अन्य फसलों की अतंरवर्ती खेती हेतु प्रोत्साहन राशि आलू फसल के लिए 10.000/- रू० प्रति हेक्टेयर / राज्मा, लहसुन एवं प्याज के लिए 5000/- रू० प्रति हेक्टेयर एवं अन्य फसलों के लिए 2000/- रू० प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जाता है।
(iii) प्रक्रिया- प्रत्येक चीनी मिल अपने अधिनस्थ गन्ना कृषकों का विपत्र सहायक निदेशक गन्ना विभाग, पटना बिहार को भेजेगी।