सबसे मुश्किल काम, सबसे पहले | कम समय में ज्यादा काम करने और टालमटोल छोड़ने के बेहतरीन तरीके
आप क्या चाहते हैं और उसे पाने के लिए आपको कौन से कदम उठाने होंगें | सफलता का एक महान नियम जाने, Motivational
आसानी से देखने के लिए क्लिक करें |
हर चीज पर 80/20 का नियम लागू करें,
हमारे पास हमेशा पर्याप्त समय रहता है, बशर्ते हम उसका सही इस्तेमाल करें – जोहानन वॉल्फगैंग वॉन गेटे
80/20 का नियम समय और जीवन प्रबंधन के लिए एक बड़ा ही सहायक विचार है । इस पैरेटो सिद्धांत” भी कहा जाता है, क्योंकि इतालवी अर्थशास्तरी विल्करो पेरेटो ने ही सबसे पहले 1895 में इसके बारे में लिखा था। पेरेटा ने गौर किया कि उनके समाज में लोग स्वाभाविक रूप से दो घड़ा में विभाजित है । एक घड़ा था, “महत्वपूर्ण अल्पमत” (Vital few) जा पैसे और प्रभाव के संदर्भ में शीर्षस्थ 20 परतिशत में आते थे। दूसरा था, तुच्छ बहुमत” (Trivial many), जो निचले 80 परतिशत में आत थे |
बाद में उन्हें पता चला कि यही सिद्धांत लगभग सारी आर्थिक गतिविधियों की बुनियाद भी है। मिसाल के तौर पर, यह सिद्धांत कहता है कि आपकी 20 परतिशत गतिविधियां 80 परतिशत परिणाम देगी, आपक 20 परतिशत ग्राहकों 80 परतिशत बीकरी करवाएंगे, आपक 20 परतिशत परांडक्ट्स 80 परतिशत मुनाफा दिलाएंगे, आपक 20 परतिशत काम 80 परतिशत मूल्य बढाएंग आदि। इसका मतलब ये है कि अगर आपकी सूची में कुल 10 काम है, तो उनमें से दो काम बाकी सबसे पाँच-दस गुना ज्यादा मुल्यवान होंगें |
कामों की संख्या बनाम उनका महत्व
यहाँ में एक दिलचस्प खोज के बारे में बताना चाहता हूँ । दस कामों में से हर एक का पूरा करने में समान समय लगता है । लेकिन उनमें से एक-दो काम बाकी किसी भी काम की तुलना में पाँच-दस गुना ज्यादा मूल्य का योगदान देंगे ।
अक्सर दस कामों की सूची का एक काम बाकी नौ से ज्यादा मूल्यवान हो सकता है । ये काम ही वह मेंढक है जिसे आपका हमेशा सबसे पहले निगल लेना चाहिए ।
क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आम आदमी अक्सर किस काम में सबसे ज्यादा टालमटोल करता है ? दुखद सच्चाई यह है कि ज्यादातर लोग उन शीर्षस्थ 10-20 परतिशत कामों में टालमटोल करते है जो सबसे मूल्यवान और महत्वपूर्ण होत है “महत्वपूर्ण अल्पमत” इसके बजाय व न्यूनतम महत्व के 80 परतिशत कामो- “तुच्छ बहुमत” में व्यस्त रहते हैं, जो परिणामा में बहुत कम योगदान देते हैं ।
उपलब्धियों पर नहीं गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करें
आप एस लोगों का अवसर देखत है जो दिन भर व्यस्त नजर आते है, लेकिन इसक बावजूद बहुत कम हासिल कर पाते है। कारण स्पष्ट है। वे ऐसे काम करने में व्यस्त रहते है जिनका मूल्य कम होता है। इस दौरान वे उन एक-दो कामों में टालमटोल करते है जिन्हें अगर जल्द से जल्द और अच्छी तरह पूरा कर लिया जाए तो इससे उनकी कंपनिया और कैरियर में सच्चा फर्क पड़ सकता है।
दिन के सबसे मूल्यवान काम अक्सर सबसे मुश्किल और जटिल होत है । लेकिन इन्हें कुशलता से पूरा करने के पुरस्कार और फायद भी जबर्दस्त होते है । इसलिए आपका यह संकल्प लेना चाहिए कि निचले 80 प्रतिशत काम तब तक नहीं करेंगे, जब तक कि शीर्षस्थ 20 प्रतिशत काम बचे हो ।
काम शुरू करने से पहले हमेशा खुद से पूछ “यह मर शीर्षस्थ 20 परतिशत कामा में आता है या फिर निचले 80 परतिशत में
नियम : छोटे कामों को सबसे पहले निबटाने के परलोभन से बचे
याद रखें, आप बार-बार जो भी करने का विकल्प चुनते हैं वह अंत में एक आदत बन जाता है, जिसे छोड़ना मुश्किल होता है । अगर आप अपना दिन महत्वहीनं कामों से शुरू करने का विकल्प चुनते है, तो जल्दी ही आपका हमेशा महत्वहीन कामों से दिन शुरू करने की आदत पड़ जाएगी । यह ऐसी आदत नहीं है जिसे डालना या कायम रखना चाहिए ।
किसी महत्वपूर्ण काम का शुरू करना इसका सबसे मुश्किल हिस्सा होता है। एक बार जब आप कोई सचमुच मूल्यवान काम शुरू कर देते है तो स्वाभाविक रूप से आपको आगे काम करते रहने की परेरणा मिलगी । आपके दिमाग का एक हिस्सा उन महत्वपूर्ण कामो में व्यस्त रहना चाहता है जिनसे सचमुच फर्क पड़ता है। अपने दिमाग के इस हिस्से का लगातार पोषण देते रहे ।
खुद को प्रेरित करें
किसी महत्वपूर्ण काम को शुरू और पूरा करने के बारे में सोचने भर से ही आप प्रेरित हो जाते है । इससे आपको टालमटोल छोड़ने में मदद मिलती है। सच तो यह है कि किसी महत्वपूर्ण काम का पूरा करने के लिए भी अवसर उतने ही समय की जरूरत होती है जितनी कि महत्वहीन काम को करने के लिए । फर्क यह है कि महत्वपूर्ण काम पूरा करने के बाद आपको गर्व और संतुष्टि का जबर्दस्त एहसास होता है। बहरहाल जब आप उतना ही समय और ऊर्जा खर्च करके कोई मूल्यहीन या महत्त्वहीन काम पूरा करते है तो आपको बहुत कम संतुष्टि मिलती है या जरा भी नहीं मिलती |
समय का प्रबंधन (Time management) वास्तव में जीवन का प्रबंधन है स्वयं का प्रबंधन है । यह दरअसल घटनाओं के करम का नियंतिरत करना है। समय प्रबंधन का अर्थ है इस बात पर नियंत्रण करना कि आप अगला काम कौन सा करेगे | और आप हमेशा अपना अगला काम चुनने के लिए स्वतंत्र होते है । महत्वपूर्ण और महत्वहीन के बिच विकल्प चुनने की आपकी काबिलियन जिंदगी और काम-धंधे आपकी सफलता तय करने वाली अहम कुंजी है । असरदार और उत्पादक लोग खुद को इस बात के लिए अनुशासित कर लेते है, कि वे सबसे महत्वपूर्ण काम से ही शुरुआत करें । वे उस मेंढक को निगलने के लिए खुद को मजबूर करते हैं चाहे वह जो भी हो । नतीजा यह होता है कि वे आम आदमी से कहीं ज्यादा हासिल करते हैं और ज्यादा खुश भी रहते है । काम करने का ये तरीका आपको भी अपनाना चाहिए ।
हर सुबह एक मैढंक निगल लें
1. जीवन में अपने सभी वर्तमान परमुख लक्षयों, गतिविधियां, परोजेक्टस और जिम्मदारियों की सूची बना ले। उनमें से कौन से शीर्षस्थ 10-20 परतिशत कामा की शरणी में आन है, जिनसे आपका 80-90 परतिशत परिणाम मिल सकत है?
2. आज ही संकल्प करे कि आप कम महत्व की गतिविधियों में कम समय देगे और अपना ज्यादातर समय उन चुनिंदा कामों में ही लगाएंगे, जिनसे आपकी जिंदगी और करियर में सचमुच फर्क पडेगा ।