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14 कॉलेजों के मान्यता 18 अगस्त के पहले समाप्त कर कोर्ट को सूचित
बिहार के 11 यूनिवर्सिटी व 325 कॉलेजों द्वारा करीब 287 करोड़ की अनुदान राशि का उपयोगिता नहीं देने के मामले में हाईकोर्ट में फिर से सुनवाई की गई। कोर्ट ने इस मामले में सख्त फैसला दिया है। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश एस कुमार ने संबंधित सात विश्वविद्यालय के कुलपति को यह आदेश दिया है। कहा है कि पहले फेज में लिस्टिंग की गई 14 कॉलेजों के मान्यता 18 अगस्त के पहले समाप्त कर कोर्ट को सूचित करें। अगर संबंधित विश्वविद्यालय के कुलपति कार्रवाई नहीं करते है तो उन पर व्यक्तिगत तौर पर आर्थिक जुर्माना लगाया जायेगा। कोर्ट ने 9 फरवरी 2021 को इन कॉलेजों की लिस्टिंग कर कार्रवाई करने का आदेश दिया था।
अग्रवाल कमीशन के कटऑफ डेट पर फैसला
टीएमबीयू समेत राज्य के विभिन्न विवि के संबंधित कॉलेजों के शिक्षक और कर्मचारिय के सेवा सामंजन या अंतर्लीनीकरण के लिए अग्रवाल कमीशन का गठन किया गया था। कमीशन ने अंतर्लीनीकरण के लिए एक कट्फडेट 30 अप्रैल, 1986 तय की थी। एक दिन पहले जारी पत्र में शिक्षा विभाग ने कहा है कि अग्रवाल कमीशन की अनुशंसा का पालन विवि द्वारा ठीक से नहीं किए जाने पर पूर्व में मामले की समीक्षा कर शिक्षा विभाग ने 15 सितंबर 2009 काे अादेश जारी किया था कि आर टू और एनअर श्रेणी वालां का सेवा से हटा दिया जाए।
इन कॉलेजों के मान्यता रद्द करने का आदेश
14 कॉलेजों में ज्यादातर बीएन मंडल विवि और तिलकामांझी विवि भागलपुर के हैं। इनमें बीएन मंडल विवि के पूर्णिया कॉलेज,सर्ब नारायण राम कुंवर सिंह कॉलेज, वीर नारायण चंद कॉलेज,एलएन मिथिला के चन्द्रमुखी भोला कॉलेज,बीएन मंडल दर्शन साह कॉलेज,भीमराव अंबेदकर यूनिर्विसिटी के केसरीचंद ताराचंद कॉलेज, एमजेके कॉलेज, श्रीलक्ष्मी किशोरी महाविद्यालय,तिलकामांझी विवि के मदन अहिल्या महिला कॉलेज, महिला कॉलेज, मगध विवि के महंथ मधुसूदन कॉलेज, सरदार पटेल मेमोरियल कॉलेज, जेपी विवि के नंदलाल सिंह कॉलेज है।
सरकार ने 35 साल तक सेवा कर चुके टीएमबीयू और मुंगेर विवि के पांच कॉलेजों के 93 कर्मचारि का अवैध तथा अनियमित बता हटाने का आदेश दिया है। प्रभावित होनेवाले में 26 शिक्षक और 67 कर्मचारी हैं।
ये सभी 1980 के दशक में चतुर्थ चरण में अंगीभूत हुए कॉलेजों के शिक्षक और कर्मचारी हैं। इस समय के मुंगेर विवि के काॅलेज भी तब टीएमबीयू के ही अंग थे। इन कॉलेजों में शिक्षक और कर्मचारिय की नियुक्ति व सेवा सामंजन की प्रक्रिया टीएमबीयू में ही हुई थी। सरकार के उप सचिव ने टीएमबीयू के रजिस्ट्रार को एक दिन पहले इससे संबंधित पत्र जारी किया है। पत्र में कहा गया है कि इन्हें अनियमित ढंग से वेतन भुगतान किया जा रहा है।
हस्तकरघा दिवस पर रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के बुनकरों को देंगे प्रोत्साहन
हस्तकरघा दिवस पर रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के बुनकरों को प्रोत्साहन के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं करेंगे। उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने बताया कि हैंडलूम सेक्टर में रोजगार की अधिक संभावना है। हैंडलूम सेक्टर में 70 प्रतिशत से अधिक महिलाएं कार्य करती हैं। ग्रामीण इलाकों की महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए भी हैंडलूम को प्रोत्साहित करना और सभी बुनकरों को मजबूती प्रदान करना जरूरी है। राज्य के बुनकरों और सभी पारंपरिक उद्योगों से जुड़े उद्यमियों और अन्य लोगों के हित में कारगर योजनाओं की चिंता है। हैंडलूम सेक्टर आजादी पूर्व से ही देश के ग्रामीण इलाकों और छोटे छोटे शहरों में रोजगार के साधन उपलब्ध कराता रहा है।
7 अगस्त 1905 को शुरू हुए स्वदेशी आंदोलन को मजबूती प्रदान करने में देश के जिन पारंपरिक उद्योगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई उनमें हैंडलूम और देश के बुनकरों का बहुमूल्य योगदान है। उन्होंने कहा रविवार का दिन, राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का दिन बिहार के बुनकरों के लिए बेहद खास होगा जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनसे सीधे मुखातिब होंगे और उनसे सीधा संवाद करेंगे। इस कार्यक्रम में बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान भी उपस्थित रहेंगे।
सालभर पहले आवेदन दिया, कई बार कर्मचारी से मिले, फिर भी रिजेक्ट
पटना जिले के अंचल कार्यालय में ऑनलाइन आने वाले दाखिल-खारिज के 36.71 फीसदी आवेदन दस्तावेज की कमी के नाम पर रिजेक्ट हो रहे हैं। दस्तावेज की कमी होने पर आवेदक को इसकी सूचना देनी है। लेकिन, ऐसा नहीं किया जा रहा है। मार्च में सदर अंचल में 10 दिनों में 3300 आवेदनों को रिजेक्ट किया गया था। अन्य अंचलों का भी यही हाल है। इसके बावजूद जिले में 50888 आवेदन लंबित है। इसमें 30720 मामलों में 35 से अधिक दिनों और 5326 दिनों में 75 दिन में कार्रवाई नहीं हुई है। जिले में सबसे अधिक सदर अंचल में 7141 मामले, फुलवारी शरीफ में 4516 मामले, बिहटा में 4188 मामले, पुनपुन में 3780 मामले, दानापुर में 3512 मामले पेंडिंग हैं।
राकेश कुमार : शिवपुरी स्थिति रोड नंबर जीरो में अपने जमीन का दाखिल-खारिज कराने के लिए एक साल पहले आवेदन दिया था। इस बीच कई बाद राजस्व कर्मचारी से जाकर मुलाकात की। इसके बावजूद आवेदन रिजेक्ट कर दिया गया। इसके बाद दोबारा 30 मई 2022 को ऑन लाइन आवेदन किया है। इसकी याचिका संख्या 62428 है। इसके बाद से कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कार्यालय में जाने पर राजस्व कर्मचारी से मुलाकात नहीं होती है। कार्यालय प्राइवेट कर्मचारी चला रहे हैं। सभी पैसे की मांग करते हैं।
अपर समाहर्ता बोले-कम थे कर्मचारी
पटना जिले को 159 राजस्व कर्मचारी मिले हैं। इनको 15 दिन ट्रेंनिंग की जाएगी। इसके बाद दाखिल-खारिज के मामलों का ससमय निष्पादन करने में गति आएगी। कर्मचारियों की कमी के कारण मामला ज्यादा लंबित रहने की शिकायत है। अब जल्द निष्पादन होगा।
पूजा सिंह : पटना सिटी के धवलपुरा मुहल्ले की जमीन का दाखिल-खारिज कराने के लिए 20 मार्च को आवेदन दिया है। लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई। पिछले चार महीने से कार्यालय का चक्कर लगा रही है। वरीय अधिकारियों के मुलाकात करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। राजस्व कार्मचारी के द्वारा दाखिल-खारिज करने का आश्वासन दिया जा रहा है।
केस-2
केस-1
हैंडलूम में रोजगार सृजन उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा
के बड़े लक्ष्यों के साथ है कि बिहार के बुनकरों को रविवार मनाया जाएगा राष्ट्रीय को बड़ी सौगात मिलेगी. मुख्यमंत्री हथकरघा दिवस नीतीश कुमार राष्ट्रीय हथकरघा दिवस
पर उनके लिए में भी हैंडलम में रोजगार सृजन के बड़ी घोषणाएं बड़े लक्ष्यों के निर्धारण के साथ इस करेंगे. हैंडलूम प्रक्षेत्र से जड़े बुनकरों और अन्य सभी में रोजगार सृजन लोगों की बेहतरी के मकसद से मनाया के बड़े लक्ष्यों जा रहा है. हैंडलूम सेक्टर आजादी के साथ मनाया पूर्व से ही देश के ग्रामीण इलाकों और
जायेगा. राष्ट्रीय छोटे छोटे शहरों में रोजगार के साधन हथकरघा दिवस की पूर्व संध्या पर उपलब्ध कराता रहा है. 70 प्रतिशत बताया कि सात अगस्त को पूरे से अधिक महिलाएं इससे जुड़ी हैं. इस देश में यह दिवस मनाया जा रहा है. कारण ग्रामीण इलाकों की महिलाओं बिहार में भी राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के सशक्तिकरण के लिहाज से भी कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री करेंगे. राज्य में हैंडलूम को प्रोत्साहित करना आठवां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस बिहार जरूरी है.
जीएसटी में निबंधित हैं, तो मकान के रेंट पर भी लगेगा जीएसटी
अधिक नुकसान प्रोपराइटरशिप में
व्यवसाय कर रहे लोगों कोहोगा अगर आपरेंट के मकान में रहते हैं और • मकान मालिक को जीएसटी में साथ ही जीएसटी में निबंधित व्यवसायी रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं भी हैं, तो अब आपको अपने मकान के रेंट पर भी जीएसटी चुकाना होगा. मालिक को जीएसटी में रजिस्ट्रेशन जीएसटी में यह बदलाव किया गया है. कराने की जरूरत नहीं है. अगर उस इस संबंध में वरीय चार्टर्ड अकाउंटेंट आवास को व्यावसायिक गतिविधि राजेश खेतान ने बताया कि अब तक के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, तो रेजिडेंशियल आवास को जीएसटी उस पर चुकाये गये जीएसटी का वह से मुक्त रखा गया था, लेकिन अब इनपुट टैक्स क्रेडिट ले सकेगा. खेतान अगर जीएसटी में निबंधित कोई भी के अनुसार अगर उसका उपयोग निजी व्यवसायी ने किराये पर मकान ले रखा आवास के रूप में हो रहा है, तो चुकाये है तो उसे रिवर्स चार्ज के तहत उसपर गये जीएसटी का धारा 17(5) के स्वयं जीएसटी का भुगतान करना होगा. तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट भी नहीं लिया उन्होंने बताया कि इसके लिए मकान जा सकेगा.
निर्देश. अंगीभूत कॉलेजों के नैक के लिए उन्मुखीकरण कार्यशाला सबे के सभी विश्वविद्यालय और कॉलेज कराएं नैक
२ नियमित सा, परीक्षाफल | शिक्षामंत्री नेमल्यांकन कराने का दिया निर्देश
जारी करने को राजभवन है प्रयासरत अतिथि
बिहार राजाभार शिक्षा
स्यल: जमिन रामसंA अध्ययन राजभवन ने सभी विवि को सत्र नियमित करने एवं लंबित परीक्षा और परिणाम तुरंत जारी करने का निर्देश दिया है. राजभवन की ओर से कहा गया है कि राज्य सरकार के साथ राजभवन भी कोरोना महामारी के कारण हुए अवरोध में उच्च शिक्षा में सुधार हेतु
मातर शिक्षा परिषद, पटा। विश्वविद्यालयों में नियमित परीक्षा एवं परीक्षाफल के साथ अन्य पहलुओं पर शिक्षा की गुणवत्ता दिव्यांग छात्रों को समान अवसर के कार्य करने हेतु कटिबद्ध है. दूसरी के लिए नैक जरूरी लिए शिक्षा परियोजना है प्रयासरत ओर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य ने राज्य के सभी विवि और कॉलेजों से शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी गये इस अवसर के अनुसार सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा ने कहा कि दिव्यांग छात्रों को कार्य करने की आवश्यकता नैक की मान्यता लेने की अपील की है. कि 21वीं सदी में नैक शिक्षा की समान अवसर प्रदान करने के है. मंत्री ने कहा कि समाज में शिक्षा मंत्री ने राज्य के सभी शैक्षणिक गणवत्ता के लिए जरूरी है. उन्होंने लिए बिहार शिक्षा परियोजना दिव्यांगों को हेय दृष्टि से देखा संस्थानों को अपना मूल्याकंन कराने बताया कि अच्छे विश्वविद्यालय से परिषद प्रयासरत है.शनिवार को जाता है.जबकि आधुनिक सोच का निर्देश दिया. शनिवार को जगजीवन पढ़कर आने वाले विद्यार्थियों से समग्र शिक्षा के तहत संचालित के अनुसार उन्हें सामान्य बच्चों राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक ही अंतर समझ में आता है कि वे समावेशी शिक्षा कार्यक्रम के तरह ही देखने की जरूरत शोध संस्थान के सभागार में बिहार नैक ग्रेडिंग अच्छे संस्थान से है.
अन्तर्गत संसाधन शिक्षक/ है. दिव्यागों के प्रति सहानुभूति राज्य उच्चत्तर शिक्षा परिषद् द्वारा पटना पटना विश्वविद्यालय के कुलपति ने प्रखंड साधन सेवी एवं पुनर्वास दर्शाने से वे मनोवैज्ञानिक रूप विवि एवं पाटलिपुत्र विवि के अंगीभूत च्वाइस बेस क्रेडिट सिसअम को विशेषज्ञों का एक दिवसीय से कमजोर बन जाते हैं, इसलिए पूरे राज्य में लागू करने पर जोर कालेजों के नैक हेतु एकदिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम को उन्हें समान अवसर उपलब्ध दिया. पाटलीपुत्र विवि के कुलपति संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कराये जाने की आवश्यकता उन्मुखीकरण कार्यशाला को संबोधित प्रो आरके सिंह ने शोध कार्यों से कि संसाधन शिक्षक सामान्य है. इस उन्मुखीकरण कार्यक्रम करते हुए श्री चौधरी ने प्रदेश के सभी नैक ग्रेडिंग में सुधार लाने की बात शिक्षक नहीं हैं.. में सभी जिले के जिला शिक्षा विश्वविद्यालयों एवं कालेजों को नैक कही. उच्च शिक्षा की निदेशक डा इन्हें भगवान ने पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम की मान्यता के लिए कार्यशाला एवं रेखा कुमारी ने अनुसंधान पर जोर सेवा के विशेष भाव के साथ पदाधिकारी, समग्र शिक्षा इंट्रैक्टिव संवाद की आवश्यकता पर देते हुए कहा की नैक में उसकी भेजा है. उन्हें पूरी निष्ठा एवं एवं जिला समावेशी शिक्षा जोर दिया. भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. सेवा भाव से उन्हें प्रदान किये। समन्वयक सम्मिलित हुए.
एसएससी परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपित बीपीएससी पेपर लीक
रंजीत कुमार रजक सेंट्रल बैंक बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस -14, ऑफ इंडिया में प्रोबेशनरी ऑफिसर पटना में पदस्थापित हैं. डीएसपी बीपीएससी पेपर लीक कांड में आर्थिक के पद पर असम में कार्यरत थे.. बनने से पहले एसएससी की परीक्षा अपराध इकाई की एसआइटीटीम ने सात 56वीं बीपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण में गड़बड़ी करने के आरोपित रह साल में ही करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति
कर 10 फरवरी, 2015 को पुलिस चुके हैं. उपाधीक्षक के पद पर योगदान दिया इओयू ने आर्थिक अपराध थाना अर्जित करने वाले डीएसपी रंजीत रजक था. गया जिले के नीमचक बथानी कांड 23/2012 में इनके खिलाफ के परिवार और सुसराल पक्ष के रिश्तेदारों
में एसडीपीओ रहे हैं. 2020 से चार्जशीट दाखिल की थी. के रिश्तेदारों को रडार पर ले लिया है. अब तक की जांच में उसका आचरण परिजनों को भी किया उपकत भ्रष्ट और काम संदिग्ध पाया गया है. छापे में मिले दस्तावेजों के आधार पर
बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस-14 में सेवा अवधि के आनेवाले समय में कुछ करीबी रिश्तेदारों दौरान ये राज्य द्वारा नियुक्ति के लिये आयोजित विभिन्न की गिरफ्तारी भी हो सकती है. सेवा में प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिनियुक्त रहे थे. इस जिम्मेदारी आने के पूर्व इनके पास पैतृक संपत्ति का पूरा दुरुपयोग किया. परीक्षाओं में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी कर अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित की.परिजनों के अलावे अन्य कोई चल एवं अचल को भी खूब उपकृत किया. संपत्ति नहीं थी.
गैस की कीमत बढ़ी, तो लगा दिया गोबर गैस प्लांट अब दूसरों के घर भी हो रहे रोशन
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से हर घर गैस का चूल्हा और एलपीजी गैस पहुंच गया, लेकिन बढ़ती कीमतों के कारण कई लोगों ने गैस पर खाना बनाना बंद कर दिया. ऐसे में सहरसा जिले के बनमा ईटहारी के रसलपुर गांव के लोगों ने गैस का विकल्प खोज लिया. प्रखंड मुख्यालय के किसान अब एलपीजी गैस से नहीं, गोबर गैस से अपने काम निबटा रहे हैं. गोबर गैस से पर्यावरण को भी कम नुकसान पहुंचने के साथ-साथ घर का बजट भी ठीक ठाक रहता है. गोबर गैस से खाद के साथसाथ एलपीजी की बचत के साथ बिजली का इस्तेमाल भी किया जा रहा है. धीरे-धीरे यह गांव अब गोबर गैस प्लांट का हब बनता जा रहा है. यहां अब तक चार प्लांट लग चुके हैं. सरकारी मदद नहीं मिलने के बावजूद ग्रामीणों के हौसले कम नहीं हुए हैं. लगातार प्लांट बैठाया जा रहा है. नलकड़ी का झंझट न एलपीजी की चिंता रसलपुर गांव के वार्ड नंबर 11 में राजो, अजय यादव, छत्तीस यादव और बबलू यादव ने इंजीनियर की मदद से प्लांट लगवाया. प्लांट लग जाने के बाद अब एलपीजी और बिजली की बचत हो रही है. लकडी की चल्हे के झंझट से जहां छुटकारा मिल गया है, वहीं गोबर से खेतों में खाद का उपयोग और छोटी मशीन लगा कर बिजली का उपयोग भी आसानी से किया जा रहा है. एलपीजी की चिंता भी खत्म हो गयी है.
•प्लाट से 200 मीटर दूर तक शादी-विवाह, मुंडन समेत
अन्य कई मवेशियों के गोबर से
कार्यक्रमों में दो किलो 25 ग्राम गैस यहीं से होती तैयार है।
है रोशनी की बावस्था
खास बातें
प्लांट से 200 मीटर के दायरे में पहुंचायी जा सकती है रोशनी 10 मवेशियों के सुबह-शाम के गोबर से दो किलो 25 ग्राम गैस का उत्पादन गोबर गैस प्लांट से ईंधन, रोशनी तो मिलती ही है, हॉर्स पावर के डीजल इंजन चलाने में काम भी आता है प्लांट से निकलने वालेगोबर का खाद के रूप में भी कर सकते हैं इस्तेमाल प्लांट से निकले गोबर में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश की अधिक होती है मात्रा पांच-छह मवेशी के पालक भी प्लांट लगा कर बचत कर सकते हैं
प्लांट बैठाने के
लिए कई बार कृषि अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन सरकारी अनुदान नहीं मिला. इसके बाद दूसरों से आर्थिक मदद लेकर गोबर गैस प्लांट बैठाया. कुल एक लाख 70 हजार की लागत आयी.यह प्लांट 10 घनफीट में है.10 मवेशी के गोबर से सुबह-शाम मिला कर दो। केजी 25 ग्राम गैस आसानी से प्राप्त हो जाता है. 200 मीटर दूर तक अगर किसी के यहां शादी विवाह के साथसाथ मुंडन समेत कोई अन्य कार्यक्रम होता है, तो वहां इसी प्लांट की रोशनी का इस्तेमाल किया जाता है.
– बबलू यादव, किसान
गोबर गैस वैसे ही काम करता है,
जैसे एलपीजी. लेकिन यह उससे काफी सस्ता है.कम जगह और कम पैसे में इस प्लांट को लगाया जा सकता है. इसमें ताजा गोबर डाला जाता है.गोबर को पानी में घोल कर डालने की जरूरत नहीं होती. इससे समय और मेहनत दोनों की बचत होती है.इसे आंगन में भी लगा सकते हैं. इससे बदबू नहीं आती.इससे बनने वाले गैस से 10-11 लोगों का तीन समय का खाना आसानी से बन जाता है.
–अखिलेश यादव, किसान
पहले लकड़ी के सहारे चूल्हे पर
खाना बनाते थे.फिर एलपीजी और अब गोबर गैस.इसकी रोशनी में बच्चे पढ़ पाते हैं.खानाभी अब इसी गैस पर पकता है और खाद भी तैयार हो रहा है.
-प्रियंका देवी,गृहिणी
अविवाहिता को सुरक्षित गर्भपात की अनुमति क्यों नहीं: सुप्रीम कोर्ट
अविवाहित महिला को सुरक्षित गर्भपात का अधिकार न देने को उसकी निजी स्वायत्तता का उल्लंघन करार देने संबंधी अपने निर्णय के बाद सुप्रीम कोर्ट अब मेडिकल टर्मिनशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) कानून तथा संबंधित नियमों की व्याख्या करेगा. इस कानून के तहत सुप्रीम कोर्ट
यह देखेगा कि क्या चिकित्सा सलाह पर अविवाहित महिलाओं .कोर्ट अब मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ भाटी को विशेषज्ञों की राय से कोर्ट को भी 24 सप्ताह के गर्भ को समाप्त प्रेग्नेंसी कानून की करेगा व्याख्या को अवगत कराने की इजाजत मिली करने की अनुमति दी जा सकती है, या नहीं. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के गर्भ को समाप्त करने वाली है. भाटी ने कहा कि इस मामले में
और जस्टिस जेबी पारदीवाला की महिलाओं में अविवाहित महिलाओं विशेषज्ञों की अपनी-अपनी राय है पीठ ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को क्यों नहीं शामिल किया जाए? और हमें उन विचारों को अदालत के की ओर से पेश हो रही अतिरिक्त (कानून में) ‘पति’ के स्थान पर समक्ष रखने की आवश्यकता है. 24 सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से ‘पार्टनर’ शब्द रखने से ही संसद सप्ताह के भ्रूण को समाप्त करने में इस प्रयास में न्यायालय को मदद का इरादा स्पष्ट समझ में आता है. काफी जोखिम है. इससे महिलाओं करने का आग्रह किया.
यह दर्शाता है कि उसने अविवाहित की जान भी जा सकती है. पीठ ने जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि यदि महिलाओं को उसी श्रेणी में रखा है, इसके बाद भाटी को विशेषज्ञों की कानून के तहत अपवाद मौजूद हैं, जिस श्रेणी की महिलाओं को 24 राय से अदालत को अवगत कराने तो चिकित्सा सलाह पर 24 सप्ताह हफ्ते के गर्भ को गिराने की अनुमति की इजाजत दी.
Latest News 07-08-2022