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बाढ़ / आपदा के कारण पशु मृत्यु होने पर सहाय्य अनुदान की व्यवस्था एवं प्रक्रिया
प्राकृतिक आपदा एवं राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित स्थानीय आपदाओं में पशुपालकों के पशुओं की मृत्यु की स्थिति में सरकार द्वारा सहाय्य अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। सहाय्य अनुदान के दावा एवं भुगतान की प्रक्रिया तथा दर निम्नवत है:
आवेदन एवं भुगतान की प्रक्रिया
1 पशु मृत्यु के पश्चात् अगर शव प्राप्त हो:-
(क) पशुपालक द्वारा निकटतम पशुचिकित्सा पदाधिकारी को सूचना दी जायेगी तथा विहित प्रपत्र (प्रपत्र-क) में आवेदन दिया जायेगा।
(ख) पशुचिकित्सा पदाधिकारी शव का पोस्टमार्टम करेंगे तथा आवेदन अंचलाधिकारी को प्रेषित करेंगे। पशु व अन्त्य परीक्षण की स्थिति में नहीं रहने (कई दिन पुराने होने/सड जाने आदि) पर पशुचिकित्सा पदाधिकारी द्वारा प्रमाण-पत्र के साथ मृत पशुओं की संख्या से संबंधित स्पष्ट प्रतिवेदन अचलाधिकारी एवं जिला पशुपालन पदाधिकारी को दिया जायेगा।
(ग) अंचलाधिकारी प्रतिवेदन के अनुसार स्वीकृति हेतु आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
2 पशु शव प्राप्ति नहीं होने की स्थिति में:-
(क) पशुपालक द्वारा स्थानीय थाना में पशु क्षति के संबंध में सनहा / प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी।
(ख) पशुपालक का आवेदन स्थानीय मुखिया पंचायत समिति सदस्य / जिला परिषद् सदस्य/ सरपंच / पंच/ वार्ड सदस्य द्वारा अग्रसारित होना चाहिये (प्रपत्र-क) |
(ग). सनहा /प्राथमिकी की प्रति संलग्न करते हुए पशुपालक द्वारा आवेदन संबंधित अंचलाधिकारी को दी जायेगी। अंचलाधिकारी राजस्व कर्मचारी / अन्य कर्मी से वास्तविक रूप से पशु क्षति संबंधी जॉचोपरान्त स्वीकृति हेतु अग्रतर कार्रवाई करेंगे (प्रपत्र-ग)।
(घ ). अंचलाधिकारी पशु क्षति संबंधी सूचना को ससमय जिला पदाधिकारी को उपलब्ध करायेंगे (प्रपत्र-ख / प्रपत्र ग)। जिला पदाधिकारी द्वारा आवश्यक जांचोपरान्त अभिलेख स्वीकृत कराकर घटना के एक सप्ताह के अन्दर सहायय अनुदान का भुगतान किया जायेगा।
3. अन्य आपदाओं यथा सुखाड/व्रजपात / अग्निकाण्ड आदि की स्थिति में यथासंभव अन्य परीक्षण कराना आवश्यक होगा। बड़ी संख्या में एक ही स्थान में एक ही तरह की परिस्थिति में पशुओं की मृत्यु होने पर रैण्डम रूप से यथासंभव पाँच से दस प्रतिशत पशुओं/ मुर्गियों को अन्त्य परीक्षण करते हुए मृत्यु का कारण निर्धारित किया जाएगा।
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नोट:- ↗
विहित प्रपत्र- क,ख, ग तथा विस्तृत मानक संचालन प्रकिया विभागीय वेबसाइट www.ahd.bih.nic.in). जिला पशुपालन कार्यालय एवं भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी/प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी के कार्यालय में उपलब्ध है।
आवेदन में विवरण :- ↗
नाम, पता, मोबाईल न. ,आधार न. , मृत पशु से संबंधित विवरण, मृत्यु का कारण तथा बैंक खाता का ब्योरा इत्यादि अंकित रहना आवश्यक है।
विशेष जानकारी :-↗
पशुपालन निदेशालय, बिहार, पटना स्थित आपदा कोषांग (दूरभाष संख्या 0612-2230942) या पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, बिहार, पटना (दूरभाष संख्या 0612-2226049) से प्राप्त की जा सकती है।
पशु मृत्यु सहायताअनुदान योजना में कितना राशी मिलता है
पशु के प्रकार | राशी प्रति इकाई | अधिकतम अनुदान (प्रति परि.) |
---|---|---|
दुग्धकारी पशुगाय /भैस/उंट/याक/मिथुन आदि | 30,000/- | 3 पशु तक सिमित |
बकरी /भेड़/सुकर | 3,000/- | 30 पशु तक सीमित |
भारवाही पशुबैल /ऊंट /घोडा आदि | 25,000/- | 3 पशु तक सीमित |
बछड़ा /खच्चर /गदहा /टटटू | 16,000/- | 6 पशु तक सीमित |
पँल्टी | 50/- | अधिकतम सीमा 5000/- रूपये |
नोट:- 1. आर्थिक रूप से उत्पादक पशुओं की वास्तविक क्षति के अनुसार सिमित होगी |
2. किसी अन्य सरकारी योजना से प्राप्त होने वाली सहायता तथा अन्य बीमारी से मृत्यु की स्थिति में यह सहायता अनुदान देय नहीं होगा |
बाढ़ सुरक्षा सप्ताह, 2022 | दिनांक: 01 से 07 जून 2022 | पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार सरकार |